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ईमानदार पत्रकारिता के प्रति गहरी आस्था थी कल्पेश जी में
इंदौर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित आदरांजलि सभा में बोले वक्ता
इंदौर. प्रखर लेखक एवं पत्रकार कल्पेश याग्निक एक ऐसे पत्रकार थे, जिन्होंने पत्रकारिता में नए-नए प्रयोग किए और पत्रकारिता ही उनका सबसे बड़ा पेशन रहा. उनका हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में समान अधिकार था. वे ऐसे विरले पत्रकार थे जो डूबकर काम करते थे. अपने विचारों के प्रति हमेशा अडिग रहने वाले कल्पेश जी का असमय चले जाना भाषाई पत्रकारिता में एक ऐसा शून्य है, जिसे भर पाना असंभव है.
यह विचार विभिन्न प्रबुद्धजनों के हैं जो उन्होंने इंदौर प्रेस क्लब में कल्पेश जी की याद में आयोजित आदरांजलि सभा में रुंधे मन से व्यक्त किए. सभा संचालन करते हुए इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंत तिवारी ने कहा कि कल्पेश जी हमारे मार्गदर्शक थे. उन्होंने पत्रकारिता को एक नई ऊंचाई दी. उन्होंने पत्रकारों की एक पीढ़ी तैयार की. 24 में से 18 घंटे अपने प्रोफेशन में रमें रहने वाले कल्पेश जी हमारे बीच से कभी नहीं जाएंगे, उनके शब्द हमारे दिमाग में हमेशा गूंजते रहेंगे और उन्होंने जो लिखा है, वह पत्रकारिता के इतिहास में हमेशा अमिट रहेगा.
पत्रकारिता में किये प्रयोग
वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग ने कहा कि मेरी उनके साथ बहुत सारी स्मृतियां जुड़ी हुई हैं और हम दोनों ने साथ में काम किया है. कल्पेश जी की ईमानदार राजनीति के प्रति गहरी आस्था थी. वे हमेशा पत्रकारिता में रमे रहते थे. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विषय पर उनका लेखन सशक्त रहा. वरिष्ठ पत्रकार शशीन्द्र जलधारी ने कहा कि कल्पेश जी अंग्रेजी के सबसे बड़े डिवेटर थे. उनकी लेखनी में जिद, जज्बा और जोश का अद््भुत संदेश रहता था. वे दबंग और जीवंत पत्रकार थे. उन्होंने पत्रकारिता में बहुत सारे नए प्रयोग किए, जिसके लिए वे हमेशा स्मरणीय रहेंगे. कल्पेश जी का जाना पत्रकारिता के लिए के लिए गहरा आघात है. वरिष्ठ पत्रकार जीवन साहू ने कहा कि कल्पेश जी राजेंद्र माथुर परम्परा के पत्रकार थे.
गजब का था अंतर्राष्ट्रीय विजन
वरिष्ठ पत्रकार हेमन्त शर्मा ने कहा कि कल्पेश जी का जाना हिंदी और अंग्रेजी पत्रकारिता के लिए अपूरणीय क्षति है. वे विलक्षण पत्रकार थे, अंग्रेजी पत्रकारिता भी उनकी लेखनी का लोहा मानती थी. उनमें अंतर्राष्ट्रीय विजन गजब का था. इंदौर प्रेस क्लब महासचिव नवनीत शुक्ला ने कहा कि कल्पेश जी ने कभी अपशब्द नहीं कहे और न कभी गलत भाषा का इस्तेमाल किया। वे चिंतन करते थे और उनका अवसान पत्रकारिता जगत को गले नहीं उतर रहा है.
मौन रखकर पुष्पांजलि अर्पित की
इसके साथ ही वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र तिवारी, अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता, मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति के हरिराम वाजपेयी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग सहसम्पर्क प्रमुख विनय पिंगले, भाजपा के वरिष्ठ नेता गोविंद मालू, एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आलोक दवे, वरिष्ठ पत्रकार जयश्री पिंगले, वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण शर्मा, भाजपा के राजेश अग्रवाल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेश चौकसे, संघ के प्रांत प्रचारक डॉ. प्रवीण काबरा, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर सहित कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि व मीडियाकर्मी उपस्थित थे. कार्यक्रम के अंत में सभी ने मौन रखकर पुष्पांजलि अर्पित की।